गतिविधि
का आयोजन एवं रिपोर्ट लेखन
प्रस्तावना
विद्यालय
ऐसी जगह है जहां विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास होता है। विद्यालय में
विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास तभी संभव है जब विद्यार्थियों को अलग-अलग
गतिविधियों से भी जोड़ा जाता है। विद्यार्थियों में यह भी देखा जाता है कि
विद्यार्थी अन्य अनावश्यक कार्य में अपनी ऊर्जा को खो देते हैं। उस ऊर्जा को सही
दिशा में लगाने के लिए विद्यार्थियों को गतिविधियों से जोड़ना आवश्यक है। कक्षा में
विद्यार्थी सिर्फ विषय का अध्ययन करने से उबाऊपन के शिकार हो जाते हैं। इस उबाऊपन
से बचाने तथा विद्यार्थियों में क्रिएटिविटी लाने के लिए गतिविधि का आयोजन कराना
जरूरी होता है। विद्यार्थी के जीवन में गतिविधि महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
गतिविधि द्वारा विद्यार्थियों की छुपी प्रतिभा को बाहर निकाला जाता है। ऐसा नहीं
होता है कि जो बच्चे पढ़ने में तेज होते हैं वे सभी गतिविधियों में अव्वल ही आते
हैं। सभी विद्यार्थियों में कुछ ना कुछ अलग प्रतिभा होती है जो गतिविधि से ही जाना
जा सकता है। गतिविधि से आत्मविश्वास, विषय के
प्रति सोच, खेल के प्रति भावना इत्यादि के विकास को देखा एवं
परखा जाता है। निबंध लेखन से
विद्यार्थियों की लेखन शैली, चिंतन शैली एवं विचार
अभिव्यक्ति, शब्द विन्यास को देखा जाता है। यह भी देखा जाता
है कि बहुत से विद्यार्थी बोल नहीं पाते हैं लेकिन लेखन शैली बहुत उन्नत किस्म का
होता है। भाषण प्रतियोगिता से भीड़ (जनता) को संबोधित करने की शैली का विकास होता
है। बोलना भी एक कला है जो अनावश्यक ही नहीं आ जाता है। भीड़ के बीच बोलना सभी से
संभाव नहीं हो पाता है लेकिन बराबर अभ्यास से काम आसान हो जाता है। गांधीजी भी भीड़
को संबोधित नहीं कर पाते थे। उन्होंने तो बोलने की कला नहीं होने के कारण ममी बाई के
केस को दूसरे को सौपना पड़ा था। खेल प्रतियोगिता खेल की भावना को जाग्रत करता है
साथ ही साथ शारीरिक, मानसिक एवं बच्चों में छिपी प्रतिभा को
बाहर निकालता है।
विषय
का चयन-
समस्या
थी कि विद्यार्थियों से कौन-कौन सी गतिविधियां कराई जाय जो विद्यार्थियों के
साथ-साथ छात्राध्यापकों के लिए भी उपयोगी साबित हो। क्योंकि छात्राध्यापक एक अच्छे
शिक्षक बनने की प्रक्रिया में होते हैं, वे विद्यालय
अध्यापन कार्य से जुड़ते हैं तथा विद्यार्थियों कि भावना एवं इच्छा को भी पढ़ते हैं।
इन विषयों का चयन इसलिए किया गया ताकि
विद्यार्थी की नजर से समझा जाए कि इन प्रतियोगिता में भाग लेने में विद्यार्थी कहाँ तक सक्षम है। निबंध लेखन से यह
भी जाना जा सकता है कि विद्यार्थी विद्यालय और शिक्षक के बारे में किस प्रकार के
दृष्टिकोण रखते हैं, किस प्रकार का विद्यालय चाहते
हैं तथा वहाँ पढ़ाने वाले शिक्षक किस प्रकार के होने चाहिए। विद्यार्थियों से निबंध
लिखवाना इसलिए भी जरूरी हो जाता है कि वे विद्यालय कि व्यवस्था से जूझ रहे होते
हैं। इसलिए निबंध लिखवाने का चुनाव किया गया तथा ‘मेरे सपनों
का विद्यालय और शिक्षक’ विषय पर निबंध लिखवाने का चयन किया। भाषण
प्रतियोगिता में विद्यार्थियों को अपने से ही किसी विषय को चयनित कर भाषण करवाने
का निर्णय किया गया। इसलिए ऐसा किया गया ताकि विद्यार्थियों को ऐसा नहीं लगे कि
शिक्षकों द्वारा दबाव डाला जा रहा है। खेल प्रतियोगिता में भी ऐसा ही करने का
निर्णय लिया गया, बच्चों की रुचि के अनुसार खेल प्रतियोगिता
कराने का निर्णय किया गया।
गतिविधि
का उद्देश्य
क.
विद्यार्थियों में लेखन शैली, वाचन शैली एवं कला शैली का विकास करना।
ख.
विद्यार्थियों में चिंतन
शैली का विकास करना।
ग.
विद्यार्थी के अपने विचारों
को कलमबद्ध करने की ओर अग्रसर करना।
घ.
विद्यार्थियों में छुपी
प्रतिभा को बाहर निकालना।
गतिविधि
की प्रासंगिकता
विद्यार्थी
के साथ-साथ छात्राध्यापक के लिए भी उपयोगी है। विद्यार्थी के ज्ञानात्मक, भावनात्मक एवं क्रियात्मक व्यवहार को बाहर लाएगा तथा गतिविधि की
प्रासंगिकता निबंध के शीर्षक से ही स्पष्ट हो जाता है कि विद्यालय और शिक्षक की व्यवस्था
विद्यालय प्रबंधन करते हैं लेकिन विद्यार्थी किस प्रकार के स्कूल में पढ़ना चाहते
हैं तथा किस तरह के शिक्षक से पढ़ना चाहते हैं इस बात को नहीं देखा जाता है।
छात्राध्यापक जब शिक्षक की भूमिका में आएंगे तो छात्राध्यापक पहले से ही
विद्यार्थियों की सोच के अनुकूल अपने आप को ढ़ालने का भरसक प्रयास करेंगे।
गतिविधि
की सीमा
निबंध
लेखन, भाषण एवं चित्रकला प्रतियोगिता कक्षा 8वीं के विद्यार्थियों के लिए है
तथा सभी प्रतियोगिता के लिए अलग-अलग 40 मिनट का समय निर्धारित है। यह पूर्ण रूप से
विद्यार्थियों की सोच, कल्पना और विद्यालयी जीवन पर आधारित
है।
छात्राध्यापक
की सहमति
इस
स्कूल में हमलोग कुल चार छात्राध्यापक है। सभी ने सर्वसम्मति से इन विषयों पर
प्रतियोगिता करावाने की सहमति व्यक्त की। उन्होंने यह भी माना कि हमलोग अभी शिक्षक
बनने कि प्रक्रिया में हैं और हमलोगों को यह जानना अत्यंत आवश्यक है कि विद्यार्थी
शिक्षक और विद्यालय के बारे में क्या सोचते हैं तथा भाषण प्रतियोगिता एवं चित्रकला
प्रतियोगिता का कार्य हमारे लिए भी उपयोगी साबित होगा।
विद्यालय
प्रशासन की सहमति
विद्यालय
प्रशासन को इस बात से अवगत कराया गया कि हमलोग विद्यार्थियों से गतिविधि कराना
चाहते हैं। गतिविधि के अंतर्गत हमलोग भाषण, चित्रकला
एवं निबंध लेखन प्रतियोगिता कराएंगे। विषय की भी जानकारी दी गई। विद्यालय प्रशासन
ने यह कहकर हामी भरी की हमलोग भी यह जानना चाहते हैं कि विद्यार्थी, शिक्षक और विद्यालय कैसा चाहते हैं। आज तक अपनी मनमर्जी से ही कार्य करते
आए हैं। अब विद्यार्थियों की सोच को भी शामिल करने में आसानी होगी।
गतिविधि
के लिए दिशा/निर्देश/सामग्री
1.
विद्यार्थियों को विषय की
जानकारी देना- विद्यार्थियों को यह बताया गया कि
आपलोगों से भाषण प्रतियोगिता, चित्रकला प्रतियोगिता
एवं निबंध लेखन का कार्य कराया जाएगा। भाषण प्रतियोगिता में आपको अपने से विषय का
चयन करना है। चित्रकला प्रतियोगिता में बच्चों को अपने मन से चित्र बनाने को कहा
गया। निबंध लेखन में बच्चों को ‘मेरे सपनों का विद्यालय और
शिक्षक’ विषय पर निबंध लिखना है,
जानकारी दी गई।
2.
निबंध क्या होता है बताना- निबंध
आपकी तर्क शक्ति, लेखन शैली, सोच-विचार की शैली को बाहर निकालता है। भाषा सरल एवं स्पष्ट होनी चाहिए।
कोई भी निबंध लेखन के लिए पहले शीर्षक को निर्धारित किया जाता है। उसके बाद
प्रस्तावना या उसकी भूमिका को लिखा जाता है। इसके बाद उसके गुण, दोष, विशेषता तथा उसकी उपयोगिता को लिखा जाता है।
तथा सबसे बाद में उपसंहार या निष्कर्ष को लिखा जाता है।
3.
निबंध के लिए समय निर्धारण
विद्यार्थियों
से पूछते हुए समय का निर्धारण किया गया। 40 मिनट का समय निर्धारित किया गया।
4.
प्राइज़ की घोषणा-
विद्यार्थियों को यह भी
बताया गया कि आप सभी में जिसका अच्छा निबंध लेखन,
चित्रकारी एवं भाषण होगा, उसमें से तीन-तीन विद्यार्थियों को
तथा सभी से एक-एक विद्यार्थियों को सम्मानित किया जाएगा।
5.
निबंध लेखन में उपयोगी
सामग्री- विद्यार्थियों को कहा गया कि आप लोगों को
निबंध लेखन के लिए पेज दिया जाएगा। आपलोगों को पेज लाने की जरूरत नहीं है।
6.
भाषण के लिए उपयोगी
सामाग्री- इसमें भी आपलोगों को कुछ नहीं लाना है।
7.
चित्रकला के लिए उपयोगी
सामाग्री- इसमें आपलोगों को पेज दिया जाएगा तथा कलर अपना
लेकर आना है।
गतिविधियों
का आयोजन
भाषण
प्रतियोगिता 11/09/2018 को, चित्रकला प्रतियोगिता
01/10/2018 को एवं निबंध लेखन गतिविधि का आयोजन 23/10/2018 दिन मंगलवार को किया
गया था।
गतिविधि
में शामिल विद्यार्थी
सभी
गतिविधियों में 15 विद्यार्थियों ने भाग लिया। जिसका नाम इस प्रकार से है-संतोष
लाल यादव, संतलाल यादव, सिद्धार्थ मरावी, सचिन कुमार मरावी, रुषाली गंगाराम उबाजे, साहिल केशवरे, हेमप्रसाद ऊईके, तुषार सुनिल ठाकरे, संदीप,
राजा, ललित विजय परतेको, रीना उमेश
कैतवास, प्रणय टा मडावी, रितेश, भूमि तांम्बे।
निबंध
लेखन कार्य करते विद्यार्थी एवं निरीक्षण करते छात्राध्यापक
चित्र
बनाते हुए विद्यार्थी (चित्र)
छात्राध्यापक
का सहयोग
इस
गतिविधि के आयोजन में छात्राध्यापक का काफी सहयोग मिला। कक्षा एवं कक्षा के बाहर
विद्यार्थियों की गतिविधि पर नजर रखाना तथा विद्यार्थियों का हौसला बढ़ाना शामिल
था। विद्यार्थियों के द्वारा निबंध, भाषण, चित्र कला एवं लेखन कार्य की जांच में भी सहयोग तथा पुरस्कार वितरण में सहायता
प्राप्त हुआ।
गतिविधि
का मूल्यांकन
निबंध
लेखन गतिविधि का मूल्यांकन तीन छात्राध्यापकों के सहयोग से किया गया। तीनों
छात्राध्यापक से बारी-बारी से जांच करने को दिया गया तथा उनसे प्राप्त जांच
प्रतिक्रिया को संग्रहीत कर मिलान किया गया। उसके बाद मेरे द्वारा मिलान कर अंतिम
जांच परिणाम को सही मान लिया गया।
विभिन्न
गतिविधियों में चयनित विद्यार्थी-
भाषण
प्रतियोगिता- प्रथम स्थान- रुषाली, द्वितीय स्थान- संतलाल, तृतीय स्थान- हेम सिंह एवं
सांत्वना पुरस्कार संतोष को मिला।
चित्रकला
प्रतियोगिता- प्रथम स्थान- संतोष, द्वितीय स्थान- हेम प्रसाद, तृतीय स्थान- संतलाल
एवं सांत्वना पुरस्कार रुषाली को मिला।
निबंध
प्रतियोगिता- प्रथम स्थान- संतोष, द्वितीय स्थान- सिद्धार्थ, तृतीय स्थान- सुनील एवं
सांत्वना पुरस्कार सचिन को मिला।
पुरस्कार
वितरण एवं पुरस्कार सामाग्री
पुरस्कार
सामग्री में सभी के लिए कलम था। प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं सांत्वना के लिए अलग-अलग कीमत के कलाम थे। प्रथम स्थान के लिए
20 रुपये के कलम थे, द्वितीय स्थान के लिए 15 रुपये के कलाम
थे, तृतीय स्थान के लिए 10 रुपये के कलम थे। सांत्वना के लिए
5 रुपये के कलम थे। तथा सभी विद्यार्थियों को एक-एक कलाम दिया गया। जिससे यह अहसास
न हो कि मैंने भी प्रतियोगिता में भाग लिया मैंने कुछ नहीं कर पाया। ऐसा हौसला
बढ़ाने के लिए किया गया।
पुरस्कार
प्राप्त किए हुए विद्यार्थी एवं साथ में छात्राध्यापक
कक्षा
के सभी विद्यार्थियों के साथ छात्राध्यापक एवं पुरस्कार प्राप्त विद्यार्थी (चित्र)
गतिविधि
में प्राप्त प्रतिक्रिया/सुझाव
निबंध
लेखन से प्राप्त- स्कूल सुंदर और बहुत अच्छा हो, स्कूल में पुस्तकालय अच्छा हो, स्कूल में प्रयाप्त
टीचर, हरा-भरा परिसर हो, स्वच्छ हवा
मिले, ICT की व्यवस्था हो, डेक्स-ब्रेंच हो, स्कूल की बगल से गाडियाँ न चले, विद्यालय में खेलने का मैदान हो, NCC की व्यवस्था हो, शिक्षक/शिक्षिका बच्चों से प्यार
करने वाले हो, शिक्षक बच्चों को समझाने वाला हो, प्रश्न पुछने पर उसे अच्छे से समझाने वाला हो,
खेलने की प्रयाप्त सामग्री हो, विद्यालय में पेड़-पौधे होने
चाहिए, विज्ञान प्रयोगशाला होना चाहिए,
प्रतियोगिता होना चाहिए, शुद्ध पानी की व्यवस्था होनी चाहिए, प्रत्येक कक्षा के लिए अलग-अलग कमरे होने चाहिए,
महापुरुषों के जन्म दिन को बड़े ही उत्सव के साथ मनाया जाना चाहिए, फल के पेड़ होने चाहिए।
धरती का आँगन महके कर्म ज्ञान-विज्ञान से।
कोई सरिता करो प्रवाहित खिले खेत धान से।
अभिलाषाएँ नित मुस्कुराए आशाओं की छांह में।
पैरों की गति बंधी हुई हो विश्वासों की राह में।
शिल्पकला-कुमुदों की माला वृक्षस्थल का द्वार
हो।
फूल-फलों से हरी इस धरती का ऋंगार हो।
भाषण
से प्राप्त
भाषण
में अपना विद्यालय के बारे में बताया गया तथा विद्यालय की कमियों को रखा गया, स्त्रियॉं की समस्या पर बोला गया तथा उसमें कहा गया कि स्त्रियों के साथ
लागातार से शोषण हो रहा है।
चित्रकला
से प्राप्त
चित्र
कला का संदेश था पर्यावरण रक्षा का साथ ही साथ पशु, पेड़, पौधे, मानव, पक्षी को दिखाया
गया।
निष्कर्ष
निष्कर्ष
के तौर पर यह कहा जा सकता है कि विद्यालय में तथा विद्यालय के प्रति बच्चों के भी
सपने होते हैं। उस सपनों को नजरंदाज नहीं किया जा सकता है। यदि सपने मरते हैं तो
बच्चों का भविष्य भी लड़खड़ाता है। पाश ने कहा था कि ‘सबसे
खतरनाक होता है हमारे सपनों का मर जाना’। मुर्दा शांति से
बेहतर है कि बच्चों की चाहत को विद्यालय में पूरा किया जाए,
विद्यालय को विद्यार्थी के नजर से भी देखा जाए। कोई ऐसी व्यवस्था न लादी जाए जो
बच्चों के लिए अत्यंत कष्टकर हो। बच्चों को ऐसा माहौल देना चाहिए कि बच्चे अपनी
पढ़ाई करके सीखे तथा पढ़ाई को बोझ न बनाया जाना चाहिए। विद्यार्थी स्कूल भीगी बिल्ली
की तरह न आए बल्कि विद्यार्थी का मन स्कूल में आने का हमेशा करे। ऐसी व्यवस्था का
होना आवश्यक हो। यदि विद्यार्थी एक दिन भी स्कूल मिस करे तो उसे स्कूल आने के लिए
बैचेन कर दे। ऐसा विद्यालय का वातावरण होना चाहिए तथा विभिन्न गतिविधियों का आयोजन
करना चाहिए। यह उम्र ही ऐसी होता है जो बंध के रहना नहीं चाहता है। ये उस पक्षी की
तरह होते जो उन्मुक्त गगन की सैर करना चाहता है और उन उन्मुक्त गगन से ही सीखना
चाहते है। शिक्षक सिर्फ रास्ता दिखा सकता है लेकिन वह रास्ता विद्यार्थी तय
करेंगे।
परिशिष्ट
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