पाठ योजना- 21
विद्यालय का नाम-
दिनांक- 24/09/2018
कक्षा- 8वीं
विषय- सामाजिक विज्ञान कालांश- पंचम
उपविषय- इतिहास अवधि- 40 मिनट
प्रकरण- समाज सुधार के कार्य (स्त्री विषयक सुधार)
समान्य उद्देश्य
पूर्वत
विशिष्ट उद्देश्य
1.
विद्यार्थी स्त्री विषयक
सुधार की जरूरत की व्याख्या कर पाएंगे।
2.
विद्यार्थी स्त्री विषयक
सुधार के प्रयासों को जान पाएंगे।
3.
विद्यार्थी सावित्रीबाई
फुले के समाज सुधार की विवेचना कर पाएंगे।
4.
विद्यार्थी स्त्रियों पर
होने वाले अन्याय का प्रतीकार कर पाएंगे।
कक्षा पूर्व
तैयारी
· विषय वस्तु संवर्धन
इस विषय पर उपलब्ध पुस्तकें एवं इंटरनेट पर उपलब्ध सामग्री का अध्ययन.
· शिक्षण सहायक सामग्री
चॉक, डस्टर, पोस्टर
प्रस्तावना
छात्राध्यापक विद्यार्थियों से निम्नलिखित प्रश्न पूछकर
पूर्व ज्ञान से जोड़ेंगे-
1.
समाज में पुरुष को जितना
अधिकार मिला हुआ है क्या महिलाओं को उतना अधिकार मिला है?
2.
महिलाओं के साथ समाज में
क्या-क्या अन्याय हुए हैं?
3.
महिलाओं कि स्थिति में
सुधार के लिए क्या-क्या सामाजिक बदलाव होने चाहिए?
4.
सावित्रीबाई फुले ने
महिलाओं कि स्थिति में सुधार के लिए क्या किया?
प्रस्तुतीकरण
प्रकरण (विशिष्ट उद्देश्य के अनुसार)
|
क्रियाकलाप
|
v स्त्री विषयक सुधार
|
·
छात्राध्यापक
स्त्री विषयक सुधार को बताने के लिए कक्षा में पोस्टर दिखाएंगे, जिसमें निम्नलिखित बिंदु उल्लेखित
रहेंगे-
1.
जब
ब्रिटिश सत्ता का भारत में विस्तार हुआ तब भारतीय महिलाओं की स्थिति अत्यंत
दयनीय थी-
क. शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार नहीं था।
ख. समानता का व्यवहार नहीं किया जाता था।
ग.
बाल
विवाह, दहेज प्रथा, सती
प्रथा, केशवपन, विधवा विवाह का विरोध
जैसी कुप्रथाएँ प्रचलित थीं।
2.
लॉर्ड
विलियम बेंटिक ने सती प्रथा पर रोक लगाई, इसमें राजा राममोहन रॉय ने सहायता की।
3.
गोपाल
हरि देशमुख उर्फ लोकहितवादी ने शतपत्रों द्वारा स्त्री-पुरुष समानता का समर्थन
किया-
क. गोपाल हरि देशमुख का चित्र-
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4.
महात्मा
जोति राव फुले ने 1848 में पुणे के भिडे बाड़ा में लड़कियों की पहली पाठशाला खोली, इस कार्य में उनकी पत्नी सावित्रीबाई
फुले ने मदद की।
5.
समाज
के कर्मकांडी लोगों द्वारा की गई आलोचना, निंदा को सहकर भी सावित्रीबाई फुले ने शिक्षा का कार्य आगे बढ़ाया।
6.
सावित्रीबाई
फुले का चित्र
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7.
महात्मा
फुले ने अपने घर में बाल हत्या प्रतिबंधक गृह स्थापित किया।
8.
केशवपन
की पद्धति बंद हो इसलिए नाइयों की हड़ताल कारवाई।
9.
विधवाओं
के पुनर्विवाह को मान्यता देने के लिए पं. ईश्वरचंद्र विद्यासागर, विष्णुशास्त्री पंडित, और विरेश लिंगम पंतलु ने विशेष प्रयास किए।
10. विरेश लिंगम
पंतलु का चित्र-
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11. गोपाल गणेश आगरकर
ने अपने सुधारक समाचार पत्र द्वारा बाल विवाह कानून पर अपने विचार व्यक्त किए।
12. महर्षि विठ्ठल
रामजी शिंदे ने मुंबई में देवदासी प्रथा के विरुद्ध परिषद का आयोजन कराया।
13. ताराबाई शिंदे ने
स्त्री-पुरुष तुलना ग्रंथ द्वारा अत्यंत ज्वलंत और कठोर भाषा में महिलाओं के
अधिकारों का समर्थन किया।
14. महर्षि धोंडो
केशव कर्वे ने पुणे में अनाथ बालिकाश्रम प्रारंभ किया।
15. महर्षि धोंडो
केशव कर्वे का चित्र-
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16. विधवाओं, परित्यक्ताओं के साथ सभी महिलाएं शिक्षा
प्राप्त कर आत्मनिर्भर बन सकें, यह उद्देश्य था।
17. पंडिता रमाबाई ने
शारदाश्रम संस्था की स्थापना कर दिव्यांग बच्चों, लड़कियों के भरण-पोषण का दायित्व स्वीकारा।
18. रमाबाई रानडे ने
सेवासदन संस्था के माध्यम से महिलाओं के लिए परिचारिका (नर्स) पाठ्यक्रम प्रारंभ
किया।
·
छात्राध्यापक पोस्टर
दिखाते हुए विद्यार्थियों से निम्नलिखित प्रश्न पुछेंगे-
1.
पोस्टर में चित्र किस-किस
व्यक्ति का है?
2.
इन्होंने समाज सुधार
के क्या-क्या कार्य किए हैं?
·
इसके बाद छात्राध्यापक
पोस्टर के आधार पर विस्तार से बताएँगे।
|
पुनरावृत्ति
छात्राध्यापक पाठ की पुनरावृति कराने से पहले विद्यार्थियों
से निम्नलिखित प्रश्न पूछकर पाठ की जांच करेंगे-
1.
महात्मा जोतीराव फुले ने
लड़कियों के लिए कब और कहाँ पाठशाला खोली थी?
2.
पंडिता रमाबाई ने किस
संस्था की स्थापना की थी?
पाठ की जांच
के बाद छात्राध्यापक संक्षिप्त में पाठ को प्रस्तुत करेंगे। संक्षिप्त में पाठ
प्रस्तुत करने के बाद छात्राध्यापक कहेंगे कि इस विषय पर कोई आपकी जिज्ञासा या
प्रश्न हो तो पूछ सकते हैं। यदि विद्यार्थी कोई प्रश्न पूछता है तो छात्राध्यापक
बताएंगे।
गृह कार्य
1.
आज भी समाज में दहेज
प्रथा प्रचलित है इस प्रथा की समाप्ती के लिए आप क्या-क्या उपाय समाज में करना
चाहेंगे?
2.
स्त्री-पुरुष की समानता
के लिए सामाजिक सुधार की जरूरत है, यह कैसे
संभव होगा?
गृह कार्य की जांच
आत्म मूल्याकन एवं मनन
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