पाठ योजना- 39
विद्यालय का नाम-
दिनांक- / /2018
कक्षा- 8वीं
विषय- सामाजिक विज्ञान कालांश- पंचम
उपविषय- इतिहास अवधि- 40 मिनट
प्रकरण- गोलमेज परिषद
समान्य उद्देश्य
पूर्वत
विशिष्ट उद्देश्य
1.
विद्यार्थी अंग्रेजों
द्वारा बुलाई गई गोलमेज परिषद की व्याख्या कर पाएंगे।
2.
विद्यार्थी अंग्रेजों की
नीति को जान पाएंगे।
3.
विद्यार्थी प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय गोलमेज़ परिषद के बारे में बता पाएंगे।
4.
विद्यार्थी गोलमेज़ परिषद
की विफलता की विवेचना कर पाएंगे।
कक्षा पूर्व
तैयारी
· विषय वस्तु संवर्धन
इस विषय पर उपलब्ध पुस्तकें एवं इंटरनेट पर उपलब्ध सामग्री का अध्ययन.
· शिक्षण सहायक सामग्री
चॉक, डस्टर, पोस्टर
प्रस्तावना
छात्राध्यापक विद्यार्थियों से निम्नलिखित प्रश्न पूछकर
पूर्व ज्ञान से जोड़ेंगे-
1.
सविनय अवज्ञा आंदोलन कब
प्रारंभ हुआ था?
2.
अंग्रेजों ने प्रथम
गोलमेज़ सम्मेलन कब बुलाया था?
3.
द्वितीय गोलमेज़ सम्मेलन
कब हुआ था?
4.
तृतीय गोलमेज़ सम्मेलन कब
हुआ था?
5.
गोलमेज़ सम्मेलन बुलाने
का क्या औचित्य था?
प्रस्तुतीकरण
प्रकरण (विशिष्ट उद्देश्य के अनुसार)
|
क्रियाकलाप
|
v गोलमेज़ परिषद
v प्रथम गोलमेज़ परिषद
v द्वितीय गोलमेज़ परिषद
v तृतीय गोलमेज परिषद
|
1.
छात्राध्यापक
विद्यार्थियों को गोलमेज़ परिषद के बारे में बताएँगे-
(जब सविनय अवज्ञा आंदोलन चल रहा था तब भारत से जुड़े संवैधानिक समस्याओं का
विचार किया जाना चाहिए, यह विचार ब्रिटेन के प्रधानमंत्री रैम्से
मैक्डोनोल्ड ने रखा। इसके लिए उन्होंने लंदन में एक परिषद का आयोजन किया। इस
परिषद को गोलमेज़ परिषद कहा जाता है। 1930 ई. से 1932 ई. के बीच तीन गोलमेज़
परिषदों का आयोजन किया गया।)
·
छात्राध्यापक
विद्यार्थियों को प्रथम गोलमेज़ परिषद के बारे में बताएँगे-
(रैम्से मैक्डोनोल्ड प्रथम गोलमेज़ परिषद के अध्यक्ष थे। इस परिषद में भारत
तथा इंग्लैंड के विविध प्रतिनिधि उपस्थित थे। उनमें डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर, सर तेज बहादुर सप्रू, जिन्ना आदि थे।
केंद्रीय स्तर पर उत्तरदायी शासन पद्धति, भारत में संघ
राज्य की स्थापना जैसे विविध विषयों पर विचार-विमर्श किए गए थे। इस परिषद में
विविध राष्ट्रीय दलों और रियासतों के प्रतिनिधि उपस्थित थे परंतु इसमें
राष्ट्रीय कांग्रेस ने भाग नहीं लिया था। राष्ट्रीय कांग्रेस देश की प्रतिनिधिक
संस्था थी। इस पार्टी के सहभाग के बिना गोलमेज़ परिषद में हुई चर्चा विफल रही।)
·
छात्राध्यापक
विद्यार्थियों को द्वितीय गोलमेज़ परिषद के बारे में बताएँगे-
(1931 ई. में द्वितीय गोलमेज़ परिषद का आयोजन किया गया। इस परिषद में
राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रतिनिधि के रूप में महात्मा गांधी उपस्थित थे।
राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ-साथ भारत को विभिन्न जातियों-जनजातियों, दलों तथा रियासतदारों के प्रतिनिधियों को भी बुलाया गया था।
गोलमेज परिषद में सरकार के अल्पसंख्यकों का मुद्दा उपस्थित किया गया। इस मुद्दे
को लेकर और भावी संघराज्य के संविधान के स्वरूप को लेकर मतभेद निर्माण हुए।
गांधीजी ने सभी में एकमत निर्माण करने का प्रयास किया परंतु वे विफल रहे। अंतत:
निराश होकर गांधीजी भारत लौट आए।)
·
छात्राध्यापक
विद्यार्थियों को तीसरे गोलमेज परिषद के बारे में बताएँगे-
(नवंबर 1932 ई. में इंग्लैंड में तीसरी गोलमेज परिषद बुलाई गई थी। परंतु
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने इस परिषद का बहिष्कार कर दिया था। परिणामस्वरूप यह
परिषद विफल रही।)
|
पुनरावृत्ति
छात्राध्यापक पाठ की पुनरावृत्ति कराने से पहले
विद्यार्थियों से निम्नलिखित प्रश्न पूछकर पाठ की जांच करेंगे-
1.
अंग्रेजों ने गोलमेज
सम्मेलन क्यों बुलाई थी?
2.
द्वितीय गोलमेज सम्मेलन
में गांधीजी निराश होकर क्यों वापस आ गए?
पाठ की जांच
में कमियों का पता कर पूर्ण पाठ को संक्षिप्त में प्रस्तुत करेंगे। संक्षिप्त में
पाठ प्रस्तुत करने के बाद छात्राध्यापक कहेंगे कि इस विषय पर कोई आपकी जिज्ञासा या
प्रश्न हो तो पूछ सकते हैं। यदि विद्यार्थी कोई प्रश्न पूछता है तो छात्राध्यापक
बताएंगे।
गृह कार्य
1.
मान लीजिए आप सरकारी अधिकारी
हैं और किसान आत्म हत्या को रोकने के लिए आप क्या करेंगे?
2.
समाज की किसी एक समस्या
को चिन्हित करें और उसे आप बातचीत द्वारा कैसे दूर करेंगे?
गृह कार्य की जांच
आत्म मूल्यांकन एवं मनन
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