Thursday, 14 February 2019

पाठ योजना- 19



पाठ योजना- 19           

विद्यालय का नाम- 
दिनांक- 18/09/2018                                                          कक्षा- 8वीं  
विषय- सामाजिक विज्ञान                                                    कालांश- पंचम     
उपविषय- इतिहास                                                           अवधि- 40 मिनट
प्रकरण- धर्म एवं समाज सुधार के कार्य (सत्यशोधक समाज एवं आर्य समाज)     
समान्य उद्देश्य
पूर्वत
विशिष्ट उद्देश्य 
1.     विद्यार्थी धर्म एवं समाज सुधार के कार्यों में सत्यशोधक समाज एवं आर्य समाज की उपयोगिता की व्याख्या कर पाएंगे।  
2.     विद्यार्थी सत्यशोधक समाज एवं आर्य समाज के स्थापक के बारे में जान पाएंगे।
3.     विद्यार्थी सत्यशोधक समाज एवं आर्य समाज के कार्यों की विवेचना कर पाएंगे।
4.     विद्यार्थी धर्म एवं समाज सुधार की जरूरतों को चिन्हित कर पाएंगे।      
 कक्षा पूर्व तैयारी
·       विषय वस्तु संवर्धन
इस विषय पर उपलब्ध पुस्तकें एवं इंटरनेट पर उपलब्ध सामग्री का अध्ययन.   
·       शिक्षण सहायक सामग्री
चॉक, डस्टर, पोस्टर  
प्रस्तावना
छात्राध्यापक विद्यार्थियों से निम्नलिखित प्रश्न पूछकर पूर्व ज्ञान से जोड़ेंगे-
1.     धर्म सुधार की जरूरत क्यों है?
2.     समाज सुधार की जरूरत क्यों है?
3.     महात्मा जोतीराव फुले का नाम आपने सुना है?
4.     जोतीराव फुले ने धर्म एवं समाज सुधार के लिए कौन-सी संस्था बनाई थी?
5.     आर्य समाज की स्थापना किसने की थी?
          प्रस्तुतीकरण
प्रकरण (विशिष्ट उद्देश्य के अनुसार)
क्रियाकलाप

v सत्यशोधक समाज

















































v आर्य समाज 

  
·       छात्राध्यापक सत्यशोधक समाज को बताने के लिए कक्षा में पोस्टर दिखाएंगे, जिसमें निम्नलिखित बिंदु उल्लेखित रहेंगे-  
1.     सत्यशोधक समाज की स्थापना- महात्मा जोतीराव फुले ने 1873 ई. में.    
2.     जोतीराव फुले का चित्र-
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3.     जन्म एवं मृत्यु- जन्म 11 अप्रैल 1827 एवं मृत्यु 28 नवम्बर 1890.     
4.     सत्यशोधक समाज के कार्य-
समता सिद्धांत पर आधारित समाज निर्माण के कार्य, छुआछूत प्रथा का विरोध, बहुजन समाज की शिक्षा तथा स्त्री शिक्षा का समर्थन.
5.     जोतीराव फुले द्वारा लिखित पुस्तक-
ब्राह्मनांचे कसब (ब्राह्मणों का कौशल), गुलामगिरी, शेतकन्याचा आसूड (किसान का चाबुक), सार्वजनिक सत्यधर्म।  
·       छात्राध्यापक पोस्टर दिखाते हुए विद्यार्थियों से निम्नलिखित प्रश्न पुछेंगे-
1.     सत्यशोधक समाज की स्थापना किसने की थी?
2.     सत्यशोधक समाज की स्थापना कब की गई थी?
3.     पोस्टर में चित्र किस व्यक्ति का है?
·       इसके बाद छात्राध्यापक पोस्टर के आधार पर विस्तार से बताएँगे।

·       छात्राध्यापक आर्य समाज को बताने के लिए कक्षा में पोस्टर दिखाएंगे, जिसमें निम्नलिखित बिंदु उल्लेखित रहेंगे- 
1.     आर्य समाज की स्थापना-
स्वामी दयानंद सरस्वती ने 1875 ई. में.
2.     दयानंद सरस्वती चित्र-
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3.     जन्म एवं मृत्यु-
जन्म- 1824 ई. एवं मृत्यु- 1883 ई. में.
4.     ग्रंथ- सत्यार्थ प्रकाश.
5.     धर्म सुधार कार्य- उन्होंने प्रतिपादित किया कि प्राचीन वैदिक धर्म ही सच्चा और सत्य धर्म है.  
6.     समाज सुधार कार्य- जाति को स्थान नहीं दिया, आर्य समाज का घोष वाक्य था- वेदों की ओर चलिए.      
·       छात्राध्यापक पोस्टर दिखाते हुए विद्यार्थियों से निम्नलिखित प्रश्न पुछेंगे-
1.     पोस्टर में चित्र किसका है?
2.     आर्य समाज की स्थापना किसने की थी?
3.     आर्य समाज की स्थापन कब की गई थी?
·       पोस्टर के आधार पर छात्राध्यापक विस्तार से प्रार्थना समाज के बारे में बताएँगे।

 पुनरावृत्ति
छात्राध्यापक पाठ की पुनरावृति कराने से पहले विद्यार्थियों से निम्नलिखित प्रश्न पूछकर पाठ की जांच करेंगे-
1.     महात्मा जोतीराव फुले ने समाज सुधार के क्या-क्या कार्य किए?
2.     वेदों की ओर चलिए किसने कहा है?
        पाठ की जांच के बाद छात्राध्यापक संक्षिप्त में पाठ को प्रस्तुत करेंगे। संक्षिप्त में पाठ प्रस्तुत करने के बाद छात्राध्यापक कहेंगे कि इस विषय पर कोई आपकी जिज्ञासा या प्रश्न हो तो पूछ सकते हैं। यदि विद्यार्थी इस विषय से संबंधित कोई प्रश्न पूछता है तो छात्राध्यापक बताएंगे।
गृह कार्य
1.     समाज सुधार से आप क्या समझते हैं, सत्यशोधक समाज एवं आर्य समाज ने समाज  सुधार के क्या-क्या कार्य किए विस्तार से लिखें?
2.     धर्म सुधार से आप क्या समझते हैं, सत्यशोधक समाज एवं आर्य समाज ने धर्म सुधार के क्या-क्या कार्य किए विस्तार से लिखें? 
गृहकार्य की जांच 



आत्म मूल्यांकन एवं मनन






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