पाठ योजना- 14
विद्यालय का नाम-
दिनांक- 03/09/2018
कक्षा- 8वीं
विषय- सामाजिक विज्ञान कालांश- पंचम
उपविषय- इतिहास अवधि- 40 मिनट
प्रकरण- 1857 ई. के युद्ध का विस्तार एवं नेतृत्व
समान्य उद्देश्य
पूर्वत
विशिष्ट उद्देश्य
1.
विद्यार्थी 1857 ई. के
युद्ध के विस्तार के कारणों की व्याख्या कर पाएंगे।
2.
विद्यार्थी 1857 ई. के विभिन्न
विस्तार क्षेत्र के नेतृत्वकर्ता की सूची बना पाएंगे।
3.
विद्यार्थी भविष्य में
किसी भी युद्ध के नेतृत्वकर्ता की उपयोगिता या आवश्यकता को बता पाएंगे।
कक्षा पूर्व
तैयारी
· विषय वस्तु संवर्धन
इस विषय पर उपलब्ध पुस्तकें एवं गूगल पर उपलब्ध सामग्री का अध्ययन तथा यूट्यूब
पर उपलब्ध वीडियो का अध्ययन.
· शिक्षण सहायक सामग्री
चॉक, डस्टर, लेपटाप
प्रस्तावना
छात्राध्यापक विद्यार्थियों से निम्नलिखित प्रश्न पूछकर
पूर्व ज्ञान से जोड़ेंगे-
1.
1857 ई. के युद्ध का
प्रारंभ कहाँ से हुआ था?
2.
युद्ध प्रारंभ होने के
क्या कारण थे?
3.
किस सैनिक ने अंग्रेज़
अधिकारी की हत्या की थी?
4.
1857 ई. के युद्ध का
विस्तार कहाँ-कहाँ हुआ तथा उस स्थान पर नेतृत्व किसने की थी?
प्रस्तुतीकरण
प्रकरण (विशिष्ट उद्देश्य के अनुसार)
|
क्रियाकलाप
|
v 1857 ई. के युद्ध का विस्तार एवं नेतृत्व
|
·
छात्राध्यापक 1857 ई.
के युद्ध का विस्तार एवं नेतृत्व को बताने से पहले कहेंगे कि, आप लोगों ने पिछली कक्षा में जाना कि,
बराकपुर की छावनी में मंगल पांडे ने अंग्रेज़ अधिकारी की गोली मार कर हत्या कर दी
जिसके चलते मंगल पांडे को बंदी बना लिया गया था और फांसी दे दी गयी थी। यह
समाचार जंगल की आग की भांति चारों ओर फैल गया। इसके बाद-
Ø युद्ध का विस्तार एवं नेतृत्व को बताने के लिए छात्राध्यापक एक वीडियो (1857
ई. के क्रांति से संबंधित) लेपटाप से दिखाएंगे।
Ø यह वीडियो 12 मिनट का होगा।
Ø वीडियो दिखाने के बाद छात्राध्यापक विद्यार्थियों से निम्नलिखित प्रश्न
पुछेंगे।
1.
मेरठ छावनी के भारतीय
सैनिक कहाँ की और कूच किए थे?
2.
दिल्ली में युद्ध
के नेतृत्व का भार सैनिकों ने किसे सौंपा था?
3.
भारत के सम्राट के रूप
में नाम की घोषणा किसकी की गयी थी?
4.
झांसी से अंग्रेजों के
विरुद्ध नेतृत्व किसने किया था?
5.
इस वीडियो में
कहाँ-कहाँ आंदोलन हुए जो दिखाए गए है?
·
इन प्रश्नों के उत्तर
की जांच कर देखेंगे की विद्यार्थियों ने वीडियो देखकर कितना समझा। इसके बाद
छात्राध्यापक बताएँगे।
(12 मार्च 1857 ई. को सैनिकों ने दिल्ली को अपने अधिकार में कर लिया था। सैनिकों
ने मुगल शासक बहादुर शाह जफर को युद्ध का नेतृत्व प्रदान किया। भारत के सम्राट
के रूप में उनके नाम की घोषणा की गई।
दिल्ली पर नियंत्रण हो जाने से
सैनिकों का आत्मविश्वास बढ़ गया। इससे भारत के अन्य स्थानों के सैनिकों को भी
प्रेरणा मिली। शीघ्र ही विद्रोह की आग उत्तर भारत में फैल गयी। बिहार से
राजपूताना तक अंग्रेज़ छावनियों के भारतीय सैनिकों ने विद्रोह का झण्डा बुलंद
किया। लखनऊ, इलाहाबाद, कानपुर, बनारस, बरेली, झांसी में
विद्रोह प्रारंभ हुआ। कालांतर में यह आग दक्षिण भारत में भी फैली। नागपुर, सातारा, कोल्हापुर, नरंगुद
स्थानों पर विद्रोह हुए।
इस युद्ध में सातारा के छत्रपति
के उत्तराधिकारी शहाजी प्रताप सिंह और प्रशासक रंगो बपुजी, कोल्हापुर के चिमासाहेब, नरगुंद के
बाबासाहेब भावे, अहमदनगर जिले के संगमनेर के निकट भागोजी
नाईक आदि अग्रसर थे। नाशिक जिले के पेठ, सुरगाणा की
महारानी जैसी महिलाएं भी इसमें सम्मिलित हुई थीं। 1857 ई. में खानदेश में कजार
सिंह के नेतृत्व में भीलों ने विद्रोह किया तो सतपुड़ा परिसर में शंकर शाह ने
युद्ध का नेतृत्व किया। खानदेश में हुए विद्रोह में चार सौ भील महिलाएं भी
सम्मिलित हुई थीं।) म
))
|
पुनरावृत्ति
छात्राध्यापक पाठ की पुनरावृति कराने से पहले विद्यार्थियों
से निम्नलिखित प्रश्न पूछकर पाठ की जांच करेंगे-
1.
1857 ई. के युद्ध के
नेतृत्व का भार सैनिकों ने किसे सौंपा था?
2.
दक्षिण भारत के किस-किस
स्थानों पर यह आंदोलन फैला था?
पाठ की जांच
के बाद छात्राध्यापक संक्षिप्त में पाठ को प्रस्तुत करेंगे तथा अंत में कहेंगे की
इस विषय पर आपकी कोई जिज्ञासा या प्रश्न हो तो पूछे। यदि विद्यार्थी कोई प्रश्न
करता है तो छात्राध्यापक उस प्रश्न का उत्तर बताएँगे।
गृह कार्य
1.
1857 ई. की क्रांति पर बनी फिल्में देखें और
अनुमान लगाएँ की आंदोलन की व्यापकता कितनी थी एवं आंदोलन विफल क्यों हुआ, लिखकर लाएँ?
गृहकार्य की जांच
आत्म मूल्यांकन एवं मनन
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