पाठ योजना- 16
विद्यालय का नाम-
दिनांक- 11/09/2018
कक्षा- 8वीं
विषय- सामाजिक विज्ञान कालांश- पंचम
उपविषय- इतिहास अवधि- 40 मिनट
प्रकरण- 1857 ई. के युद्ध के परिणाम
समान्य उद्देश्य
पूर्वत
विशिष्ट उद्देश्य
1.
विद्यार्थी 1857 ई. के
युद्ध के परिणामों की व्याख्या कर पाएंगे।
2.
विद्यार्थी 1857 ई. के
युद्ध के परिणामों की सूची बना पाएंगे।
3.
विद्यार्थी 1857 ई. के
युद्ध के परिणामों को वर्गीकृत कर पाएंगे।
4.
विद्यार्थी भविष्य में
किसी भी युद्ध के परिणामों की विवेचना कर पाएंगे।
कक्षा पूर्व
तैयारी
· विषय वस्तु संवर्धन
इस विषय पर उपलब्ध पुस्तकें एवं इंटरनेट पर उपलब्ध सामग्री का अध्ययन.
· शिक्षण सहायक सामग्री
चॉक, डस्टर, लेपटाप
प्रस्तावना
छात्राध्यापक विद्यार्थियों से निम्नलिखित प्रश्न पूछकर
पूर्व ज्ञान से जोड़ेंगे-
1.
1857 ई. के युद्ध को
किस-किस नाम से जाना जाता है?
2.
1857 ई. के युद्ध की
विफलता के क्या कारण थे?
3.
1857 ई. के युद्ध के
क्या-क्या परिणाम निकल कर सामने आए?
प्रस्तुतीकरण
प्रकरण (विशिष्ट उद्देश्य के अनुसार)
|
क्रियाकलाप
|
v 1857 ई. के युद्ध के परिणाम
1.
ईस्ट इंडिया कंपनी का
शासन समाप्त होना-
2.
विक्टोरिया रानी का
घोषणापत्र
3.
भारतीय सेना की
पुनर्रचना
4.
नीतिगत परिवर्तन
|
·
छात्राध्यापक
1857 ई. के युद्ध के विभिन्न परिणामों को लेपटाप से पी.पी.टी द्वारा दिखाएंगे तथा
विद्यार्थियों से पढ़ने को कहेंगे। पढ़ने के बाद विद्यार्थी अपने-अपने नोटबुक में
विभिन्न कारणों को लिखेंगे।
1857
ई. के युद्ध के परिणाम-
1.
ईस्ट
इंडिया कंपनी का शासन समाप्त होना
2.
विक्टोरिया
रानी का घोषणा पत्र
3.
भारतीय
सेना की पुनर्रचना
4.
नीतिगत
परिवर्तन
Ø छात्राध्यापक जांच कर देखेंगे की सभी विद्यार्थियों ने
लिखा है या नहीं। विद्यार्थियों के लिखने के बाद छात्राध्यापक बारी-बारी से 1857
ई. के युद्ध के परिणामों को विस्तार से बताएँगे।
·
1857 ई. के युद्ध को
देखते हुए इंग्लैंड की रानी को यह अनुभव हुआ कि भारत की अंग्रेजी सत्ता कंपनी के
हाथों में सुरक्षित नहीं रह गई है। अत: ब्रिटिश पार्लियामेंट ने 1858 में कानून
बनाकर ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन को समाप्त कर दिया। गवर्नर जनरल के पद पर
वायसराय का पद निर्माण किया गया। जिसके कारण लॉर्ड कनिंग अंतिम गवर्नर जनरल और
प्रथम वायसराय बने। साथ ही भारत का शासन चलाने के लिए भारतमंत्री पद का निर्माण इंग्लैंड
के शासन में निर्मित हुआ।
·
इंग्लैंड की रानी
विक्टोरिया ने भारतियों को संबोधित करते हुए एक घोषणापत्र जारी किया। जिसमें यह आश्वासन दिया
कि सभी भारतीय हमारे प्रजाजन हैं। वंश, धर्म, जाति अथवा जन्म स्थान के आधार पर लोगों में भेदभाव नहीं किया जाएगा।
सरकारी नौकरियाँ गुणवत्ता के आधार पर दी जाएंगी। धार्मिक मामलों में कोई
हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा। रियासतदारों के साथ किए गए अनुबंधों का पालन किया
जाएगा। किसी भी कारणों से रियासतें समाप्त नहीं की जाएगी।
·
सेना में अंग्रेजी
सैनिकों की संख्या बढ़ा दी गयी। महत्वपूर्ण पदों पर अंग्रेज़ अधिकारियों को
नियुक्त किया गया। तोपखाना पूर्णत: अंग्रेज़ अधिकारियों के अधीन रखा गया। सेना की
टुकड़ियों को जाति के अनुसार विभाजित किया गया। भारतीय सैनिक भविष्य में अंग्रेजी
सत्ता का विरोध ना कर पाये ऐसी सावधानी बरती जाने लगी।
·
फुट डालो और राज करो
की नीति का पालन किया जाने लगा। साथ ही भारतीय समाज सामाजिक रूप में इकट्ठा नहीं
हो पाए इसकी सावधानी रखी जाने लगी। भारतियों में जाति, धर्म, वंश और प्रदेश के नाम पर हमेशा
विवाद-संघर्ष होते रहेंगे, एक-दूसरे के प्रति भारतियों के
मन कलुषित होते रहेंगे, ऐसी नीतियाँ चलाई जाने लगीं।
|
पुनरावृत्ति
छात्राध्यापक पाठ की पुनरावृति कराने से पहले विद्यार्थियों
से निम्नलिखित प्रश्न पूछकर पाठ की जांच करेंगे-
1.
1857 ई. के युद्ध के क्या-क्या परिणाम सामने
आए?
2.
फुट डालो और राज करो से
क्या समझते हैं?
पाठ की जांच
के बाद छात्राध्यापक संक्षिप्त में पाठ को प्रस्तुत करेंगे। संक्षिप्त में पाठ
प्रस्तुत करने के बाद छात्राध्यापक कहेंगे कि इस विषय पर कोई आपकी जिज्ञासा या
प्रश्न हो तो पूछ सकते हैं। यदि विद्यार्थी इस विषय से संबंधित कोई प्रश्न पूछता
है तो छात्राध्यापक बताएंगे।
गृह कार्य
1.
1857 ई. के युद्ध के
क्या परिणाम हुए विस्तारपूर्वक लिखें?
गृहकार्य की जांच
आत्म मूल्यांकन एवं मनन
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