पाठ योजना- 15
विद्यालय का नाम-
दिनांक- 04/09/2018
कक्षा- 8वीं
विषय- सामाजिक विज्ञान कालांश- पंचम
उपविषय- इतिहास अवधि- 40 मिनट
प्रकरण- 1857 ई. के युद्ध की विफलता के कारण
समान्य उद्देश्य
पूर्वत
विशिष्ट उद्देश्य
1.
विद्यार्थी 1857 ई. के
युद्ध की विफलता के कारणों की व्याख्या कर पाएंगे।
2.
विद्यार्थी 1857 ई. के
युद्ध की विफलता के कारणों की सूची बना पाएंगे।
3.
विद्यार्थी 1857 ई. के
युद्ध की विफलता के कारणों को वर्गीकृत कर पाएंगे।
4.
विद्यार्थी भविष्य में
किसी युद्ध की विफलता के कारणों की विवेचना कर पाएंगे।
कक्षा पूर्व
तैयारी
· विषय वस्तु संवर्धन
इस विषय पर उपलब्ध पुस्तकें एवं इंटरनेट पर उपलब्ध सामग्री का अध्ययन.
· शिक्षण सहायक सामग्री
चॉक, डस्टर, लेपटाप
प्रस्तावना
छात्राध्यापक विद्यार्थियों से निम्नलिखित प्रश्न पूछकर
पूर्व ज्ञान से जोड़ेंगे-
1.
1857 ई. का युद्ध किसके-किसके
बीच लड़ा गया था?
2.
1857 ई. के युद्ध में
किसकी विजय हुई थी?
3.
1857 ई. के युद्ध की विफलता
के कौन-कौन से कारण थे?
प्रस्तुतीकरण
प्रकरण (विशिष्ट उद्देश्य के अनुसार)
|
क्रियाकलाप
|
v 1857 ई. के युद्ध की विफलता के कारण
1.
युद्ध का प्रसार
संपूर्ण भारत में नहीं हो पाना
2.
सर्वमान्य नेताओं का अभाव
3.
रियासतदारों के समर्थन
का अभाव
4.
सैनिक कूटनीति का अभाव
5.
अंतर्राष्ट्रीय
परिस्थिति अंग्रेजों के लिए अनुकूल
|
·
छात्राध्यापक
1857 ई. के युद्ध की विफलता के कारणों के मुख्य बिंदुओं को लेपटाप से पी.पी.टी
द्वारा दिखाएंगे। तथा विद्यार्थियों से निम्नलिखित
कारणों को अपनी समझ के आधार पर लिखने को
कहेंगे।
1857
ई. के युद्ध की विफलता के मुख्य कारण-
1.
युद्ध
का प्रसार संपूर्ण भारत में नहीं हो पाना-
2.
सर्वमान्य
नेताओं का अभाव-
3.
रियासतदारों
के समर्थन का अभाव-
4.
सैनिक
कूटनीति का अभाव-
5.
अंतर्राष्ट्रीय
परिस्थिति अंग्रेजों के लिए अनुकूल-
Ø इसके लिए छात्राध्यापक 10 मिनट का समय देंगे।
Ø समय पूरा होने पर सभी विद्यार्थी बारी-बारी से पढ़कर
सुनाएंगे।
Ø छात्राध्यापक विद्यार्थी प्रतिक्रिया को जान लेने के बाद
बारी-बारी से मुख्य बिंदु को बताएँगे।
·
इस युद्ध का प्रसार
संपूर्ण भारत में एक ही समय में नहीं होने से अंग्रेजों को मौका मिल गया और बड़ी
शक्ति के साथ अंग्रेजों ने विजय पा ली। उत्तर भारत में युद्ध की प्रखरता अधिक
थी। उत्तर के राजपूताना, पंजाब, बंगाल का
कुछ हिस्सा, पूर्वोत्तर भारत इस युद्ध से अछूते रहे।
·
इस युद्ध में भारतीय
स्तर पर अंग्रेजों के विरोध में सशक्त और सर्वमान्य एक नेतृत्व का निर्माण नहीं
हो पाया था। जिसके कारण अंग्रेजों का विरोध सभी जगह एक साथ नहीं हो पाया था।
·
अंग्रेजी सत्ता से
त्रस्त जितनी सामान्य जनता थी; उतने ही त्रस्त
रियासतदार भी थे। जबकि कुछ रियासतदार अंग्रेजों के प्रति वफादार बने रहे।
·
भारतीय सैनिकों के पास
वीरता और शौर्य तो था। परंतु उचित समय पर उचित दाव पेंच का उपयोग नहीं कर पाए।
दिल्ली जीतने पर उसे अपने अधिकार में भी नहीं रख पाए। भारतीय सैनिकों के पास
प्रयाप्त अस्त्र-शस्त्र नहीं थे। जबकि अंग्रेजों के पास बड़ी धनशक्ति, अनुशासनबद्ध सेना, आधुनिक
अस्त्र-शस्त्र और अनुभवी सेनानी थे। संचार व्यवस्था अंग्रेजों के हाथों थी।
जिससे अंग्रेजों को पता चल जाता था और वहाँ पहुँचकर विरोधियों को कुचल देता था।
·
रूस के साथ चल रहा
अंग्रेजों का क्रिमियन युद्ध में अंग्रेज विजयी हुए थे। विश्व के कई देशों के
साथ व्यापार फल-फूल रहा था। अंग्रेजों के पास प्रबल नौसेनिक शक्ति थी।
|
पुनरावृत्ति
छात्राध्यापक पाठ की पुनरावृति कराने से पहले विद्यार्थियों
से निम्नलिखित प्रश्न पूछकर पाठ की जांच करेंगे-
1.
1857 ई. के युद्ध की विफलता के कौन-कौन से
कारण थे?
2.
सर्वमान नेताओं के अभाव
से आप क्या समझते हैं?
पाठ की जांच
के बाद छात्राध्यापक संक्षिप्त में पाठ को प्रस्तुत करेंगे। संक्षिप्त पाठ
प्रस्तुत करने के बाद छात्राध्यापक कहेंगे कि इस विषय पर कोई आपकी जिज्ञासा या
प्रश्न हो तो पूछ सकते हैं। यदि विद्यार्थी इस विषय से संबंधित कोई प्रश्न पूछता
है तो छात्राध्यापक बताएंगे।
गृह कार्य
1.
1857 ई. के युद्ध की
विफलता के कारणों को सविस्तार लिखकर लाएं?
2.
आप अपने क्षेत्र में खोज
करें कि सरकार से किसी भी समस्या की मांग के लिए कौन-कौन से आंदोलन किए गए थे और
उस आंदोलन की विफलता के क्या कारण थे, लिखकर
लाएं?
गृहकार्य की जांच
आत्म मूल्यांकन एवं मनन
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