Thursday, 14 February 2019

पाठ योजना- 8



पाठ योजना- 8    
 
विद्यालय का नाम- 
दिनांक- 20/08/2018                                                          कक्षा- 8वीं  
विषय- सामाजिक विज्ञान                                                    कालांश- पंचम 
उपविषय- इतिहास                                                           अवधि- 40 मिनट
प्रकरण- भारत में अंग्रेजी सत्ता के परिणाम (दोहरी शासन व्यवस्था)  
समान्य उद्देश्य
पूर्वत
विशिष्ट उद्देश्य 
1.     विद्यार्थी रॉबर्ट क्लाइब की दोहरी शासन व्यवस्था को बता पाएंगे। 
2.     दोहरी शासन व्यवस्था लागू किए जाने पर सामान्य जनता की स्थितियों की व्याख्या कर पाएंगे।
3.     दोहरी शासन व्यवस्था आम जनता के लिए नुकसानदेह था, कि विवेचना कर पाएंगे।   
 कक्षा पूर्व तैयारी
·       विषय वस्तु संवर्धन
इस विषय पर उपलब्ध पुस्तकें एवं इंटरनेट पर उपलब्ध सामग्री का अध्ययन. 
·       शिक्षण सहायक सामग्री
चॉक, डस्टर, लेपटाप
प्रस्तावना
छात्राध्यापक विद्यार्थियों से निम्नलिखित प्रश्न पूछकर पूर्व ज्ञान से जोड़ेंगे-
1.     शासन से क्या समझते हैं?
2.     दोहरी शासन का क्या अर्थ होता है?
3.     रॉबर्ट क्लाइव भारत में किस स्थान के गर्वनर बनकर आए थे?
4.     रॉबर्ट क्लाइब की दोहरी शासन व्यवस्था क्या थी?

प्रस्तुतीकरण
प्रकरण (विशिष्ट उद्देश्य के अनुसार)
क्रियाकलाप

1.     रॉबर्ट क्लाइव का परिचय एवं दोहरी शासन














































2.     दोहरी शासन व्यवस्था के परिणाम  



















 

·       छात्राध्यापक रॉबर्ट क्लाइव का चित्र (लेपटाप से) माइक्रोसॉफ्ट पावर प्वाइंट से निम्नलिखित सूचनाओं के साथ दिखाएंगे।    Robert Clive (1725–1774), Baron Clive of Plassey, 'Clive of India'
1.     1764 में रॉबर्ट क्लाइव  बंगाल के गवर्नर बने थे।   
2.     रॉबर्ट क्लाइव ने 1765 में बंगाल में दोहरी शासन व्यवस्था प्रारंभ की थी।
3.     दोहरी शासन व्यवस्था के अंतर्गत कंपनी ने राजस्व इकट्ठा करने का कार्य अपने हाथों में रखा तथा शांति और व्यवस्था बनाए रखने का कार्य बंगाल के नवाब को सौंपा, इसी को दोहरी शासन व्यवस्था कहते हैं।
·       छात्राध्यापक सूचनाओं के आधार पर विद्यार्थियों से प्रश्न बनवाएंगे तथा उसके उत्तर विद्यार्थी अपने नोट बुक में लिखेंगे। निम्नलिखित प्रश्न बनाने कि उम्मीद छात्राध्यापक करेंगे। यदि विद्यार्थी प्रश्न एवं उसके उत्तर सही से नहीं बना पाएंगे तो छात्राध्यापक बताएंगे। संभावित प्रश्न-
1.     यह चित्र किस व्यक्ति का है?
2.     रॉबर्ट क्लाइव  बंगाल के गवर्नर कब बने थे?
3.     रॉबर्ट क्लाइव ने बंगाल में दोहरी शासन व्यवस्था कब प्रारंभ की थी?
4.     दोहरी शासन व्यवस्था क्या थी?


·       छात्राध्यापक दोहरी शासन व्यवस्था के आधार पर विद्यार्थियों से यह जानने का प्रयास करेंगे कि, इस तरह की  व्यवस्था लागू होने पर क्या-क्या समस्याएं उत्पन्न हो सकती है।
1.     इसके लिए छात्राध्यापक दो-दो विद्यार्थियों का ग्रुप बनाएंगे।
2.     छात्राध्यापक विद्यार्थियों को ग्रुप में विचार कर लिखने के लिए 7 मिनट का समय देंगे।
3.     जब समय पूरा हो जाएगा तब सभी ग्रुप के ग्रुप प्रतिनिधि पढ़कर सुनाएँगे। इसके लिए दो-दो मिनट का समय सभी ग्रुप को दिया जाएगा।  
·       छात्राध्यापक विद्यार्थियों की  प्रतिक्रिया को ध्यान में रखते हुए दोहरी शासन व्यवस्था के दुष्परिणामों को बताएंगे।
(दोहरी शासन व्यवस्था के दुष्परिणाम कालांतर में दिखाई देने लगे थे। सामान्य जनता से कर के रूप में वसूल किया गया पैसा कंपनी के अधिकारियों ने अपनी जेब में दबा लिया। भारत में व्यापार करने का एकाधिकार केवल ईस्ट इंडिया कंपनी को प्राप्त था। अत: इंग्लैंड के कई व्यापारी इस कंपनी के प्रति ईश्र्या रखते थे। भारत में चल रहे कंपनी के प्रशासन पर इंग्लैंड में आलोचना होने लगी। तब कंपनी के प्रशासन पर नियंत्रण रखने हेतु इंग्लैंड के पार्लियामेंट ने कुछ महत्त्वपूर्ण कानून बनाए।)
 पुनरावृत्ति
छात्राध्यापक पाठ की पुनरावृति कराने से पहले विद्यार्थियों से निम्नलिखित प्रश्न पूछकर पाठ की जांच करेंगे-
1.     1765 में रॉबर्ट क्लाइव ने बंगाल में कौन-सी व्यवस्था लागू की थी?
2.     दोहरी शासन व्यवस्था क्या था?
        पाठ की जांच के बाद छात्राध्यापक संक्षिप्त में पाठ को प्रस्तुत करेंगे।  
गृह कार्य
  1. बंगाल की जनता के लिए रॉबर्ट क्लाइव की दोहरी शासन व्यवस्था क्यों घातक साबित हुई?
गृहकार्य की जांच


आत्म मूल्यांकन एवं मनन
                                                                      









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