पाठ योजना- 11
विद्यालय का नाम-
दिनांक- 27/08/2018
कक्षा- 9वीं
विषय- सामाजिक विज्ञान कालांश- द्वितीय
उपविषय- इतिहास अवधि- 40 मिनट
प्रकरण- सर्वोदय दर्शन
समान्य उद्देश्य
पूर्वत
विशिष्ट उद्देश्य
1.
विद्यार्थी सर्वोदय
दर्शन की अवधारणा की व्याख्या कर पाएंगे।
2.
गांधीजी द्वारा दिए गए
सर्वोदय सिद्धांत को विद्यार्थी जान पाएंगे।
3.
विद्यार्थी अपने जीवन
में सर्वोदय सिद्धांत का पालन कर पाएंगे।
4.
भारतीय नागरिक होने के
नाते अपने कर्तव्यों का निर्वाहन कर पाएंगे।
कक्षा पूर्व
तैयारी
· विषय वस्तु संवर्धन
इस विषय पर उपलब्ध पुस्तकें एवं इंटरनेट पर उपलब्ध सामग्री का अध्ययन तथा
छात्राध्यापक के अपने पूर्व ज्ञान पर आधारित.
· शिक्षण सहायक सामग्री
चॉक, डस्टर
प्रस्तावना
छात्राध्यापक विद्यार्थियों से निम्नलिखित प्रश्न पूछकर
पूर्व ज्ञान से जोड़ेंगे-
1.
सब या सर्व से क्या
समझते हैं?
2.
उदय से क्या समझते हैं?
3.
सर्वोदय से आप क्या
समझते है
प्रस्तुतीकरण
प्रकरण (विशिष्ट उद्देश्य के अनुसार)
|
क्रियाकलाप
|
v सर्वोदय का अर्थ
v गांधीजी का सर्वोदय दर्शन
|
·
छात्राध्यापक
श्यामपट्ट पर सर्वोदय शब्द को लिखते हुए विद्यार्थियों से निम्नलिखित प्रश्न
पुछेंगे-
Ø सर्वोदय कितने शब्दों के मेल से बना है?
Ø सर्वोदय का अर्थ क्या बनेगा?
Ø सब का उदय कैसे होगा?
Ø सब के उदय के लिए क्या करेंगे?
Ø सब का उदय होने पर आपका उदय होगा या नहीं?
·
विद्यार्थी
प्रतिक्रिया को ध्यान में रखते हुए अर्थात जिस प्रश्न का उत्तर विद्यार्थी नहीं बताएंगे, उस प्रश्न का उत्तर लाने में छात्राध्यापक मदद करेंगे।
·
छात्राध्यापक गांधीजी
के सर्वोदय दर्शन के बारे में बताएंगे।
(गांधीजी ने रस्किन की ‘अन्टू दिस लास्ट’ पुस्तक का अनुवाद गुजराती में सर्वोदय नाम से की थी। उस पुस्तक में
उन्होंने सर्वोदय के तीन सिद्धांत पर मुख्य प्रकाश डाला है। क. सबों की भलाई में
ही अपनी भलाई है। ख. किसान और मजदूर का जीवन ही सच्चा जीवन है। नाई और वकील के
काम की कीमत समान है।
सर्वोदय में सब का उदय सर्वोदय का
लक्ष्य है। सबों के द्वारा उदय सर्वोदय
का साधन है। सब तरह से उदय सर्वोदय की विशेषता है, इत्यादि।)
|
पुनरावृत्ति
छात्राध्यापक पाठ की पुनरावृति कराने से पहले विद्यार्थियों
से निम्नलिखित प्रश्न पूछकर पाठ की जांच करेंगे-
1. सर्वोदय क्यों जरूरी है?
पाठ की जांच
के बाद छात्राध्यापक संक्षिप्त में पाठ को प्रस्तुत करेंगे।
गृह कार्य
1.
भारतीय समाज निर्माण में
सर्वोदय सिद्धांत की क्या भूमिका है?
2.
सर्वोदई समाज का निर्माण
क्यों होना चाहिए?
आत्म मूल्यांकन एवं मनन
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